दिल्ली में कब लगेगा राष्ट्रपति शासन? |
April 07 2024 |
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बेहद बारीकी से आम आदमी पार्टी पर अपनी नज़र बनाए रखी है। भगवा रणनीतिकारों का भरोसा था कि ’केजरीवाल के जेल जाने के बाद आप बिखर जाएगी और आप उम्मीदवारों के समक्ष चुनाव लड़ने के लिए धन का संकट पैदा हो जाएगा।’ पर इसके उलट कम से कम दिल्ली में आप को केजरीवाल की सहानुभूति लहर का फायदा मिलते दिख रहा है। केजरीवाल के जेल जाने के बाद आप के उम्मीदवार बेहद मजबूती से चुनावी मुकाबले में आते दिख रहे हैं। पर आप की असली चिंता इसके सेकंड नेतृत्व को लेकर है। केजरीवाल ने अपने जितने लोगों को राज्यसभा भेजा है उनमें से केवल संजय सिंह ही राजनीतिक मोर्चे पर सक्रिय नज़र आ रहे हैं, वो भी जेल से छूट कर आने के बाद। राघव चड्ढा अपनी आंखों के इलाज के सिलसिले में लंदन में हैं, तो स्वाति मालिवाल अपनी बहन का इलाज कराने के लिए अमेरिका चली गई हैं और बाकी जिनको केजरीवाल ने राज्यसभा से उपकृत किया है उनमें से ज्यादातर थैलीशाह हैं जिनका राजनीतिक सक्रियता से खास लेना-देना नहीं है। केंद्र सरकार भी फिलहाल दिल्ली की लहरें गिन रही है और यह थाह लगाने की कोशिश कर रही है कि मौजूदा परिस्थितियों में यहां राष्ट्रपति शासन लगाना कितना समीचीन रहेगा। वहीं आप अपने परिस्थितिजन्य संत्रासों से भविष्य का चेहरा मुकम्मल बनाने की कोशिशों में जुटी है। |
Feedback |