Archive | November, 2023

तेलांगना में घर का भेदी

Posted on 27 November 2023 by admin


तेलांगना को लेकर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बेतरह हैरान-परेशान था, वे जो भी चुनाव की नई रणनीति बुनते थे इसकी भनक केसीआर को लग जाती थी। मिसाल के तौर पर कांग्रेस रणनीतिकारों ने तेलांगना में 15 फीसदी मुस्लिम वोटों के प्रभाव को देखते हुए यह तय किया था कि वे कम से कम 6 जगहों पर मुस्लिम धर्म गुरुओं को चुनाव मैदान में उतारेंगे और उन धर्म गुरुओं की बकायदा शिनाख्त भी कर ली गई थी, पर जाने किस सूत्र से कांग्रेस के इन इरादों की भनक केसीआर को लग गई और उन्होंने भी इसकी काट ढूंढ निकाली। सो, आनन-फानन में कांग्रेस को इन 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार बदलने पड़े, तुरंत-फुरत नए उम्मीदवार ढूंढने पड़े। तब कांग्रेस नेतृत्व उस तफ्तीश में जुट गया कि आखिर उसके घर का विभीषण कौन है? बड़ी मशक्कत के बाद आखिरकार कांग्रेस नेतृत्व ने उस नेता को ढूंढ ही निकाला। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का दावा है कि ये नेता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एन.उत्तम कुमार रेड्डी हो सकते हैं, जिनकी प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव से गहरी छनती है। सूत्र बताते हैं कि उत्तम कुमार रेड्डी की हैदराबाद बाईपास पर खेती की एक बड़ी जमीन थी, प्रदेश में चुनाव की घोषणा से पहले की ऐन कैबिनेट मीटिंग में रेड्डी की उस ‘एग्रीकल्चर लैंड’ का ‘चेंज ऑफ लैंड यूज (सीएलयू)’ कर दिया गया, अब उस जमीन का कमर्शियल व आवासीय इस्तेमाल हो सकेगा। यानी अब कौड़ियों की वह जमीन करोड़ों के मूल्य की हो चुकी है। कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को अब वहां का सारा खेल समझ में आ चुका था, सो तेलांगना से जुड़े सारे अहम फैसले अब दिल्ली से हो रहे हैं।

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वसुंधरा को हाईकमान ने ऐसे घेरा

Posted on 27 November 2023 by admin

राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा चुनाव समिति की वह आखिरी मीटिंग आहूत थी। मीटिंग अमित शाह ले रहे थे और उन्हें इस बात का कहीं गहरे इल्म हो चला था कि ’प्रदेश की सबसे कद्दावर नेता वसुंधरा राजे अब भी कहीं न कहीं नाराज़ हैं।’ सो, शाह ने महारानी की नाराज़गी दूर करने की लिहाज से उनसे कहा कि ’इस मीटिंग के बाद वे अलग से उनके साथ बैठेंगे।’ और यह हुआ भी, इन दोनों नेताओं ने पहले तो आपसी गिले-शिकवे दूर करने के प्रयास किए, जब माहौल थोड़ा सामान्य हुआ तो वसुंधरा ने अपने खास वफादार 18 नेताओं की एक लिस्ट शाह को सौंपते हुए कहा ’इनको टिकट जरूर मिलनी चाहिए।’ शाह ने कहा-’तथास्तु!’ इस मुलाकात के चौथे-पांचवें रोज वसुंधरा के पास शाह का फोन गया और शाह ने महारानी से अर्ज किया कि ’अगले कुछ रोज में वे जयपुर पधार रहे हैं, सो उनके वे खास लोग आकर उनसे मिल लें ताकि वे आश्वस्त हो जाएं कि वसुंधरा भी पार्टी की मुख्यधारा में शामिल हो चुकी हैं।’ वसुंधरा ने शाह के इस प्रस्ताव को सहर्ष सहमति दे दी। इसके बाद शाह का जयपुर पधारना हुआ, वसुंधरा के वे खास वफादार लोग एक-एक करके शाह से मिले, उनसे वन-टू-वन बातचीत हुई, चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की ओर से उन्हें आर्थिक मदद का वादा भी हुआ। सब सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में संपन्न हुआ, पर तब राजनीति के भगवा चाणक्य ने वहां पांसा पलट दिया था। वसुंधरा को भी इस बात का इल्म तब हुआ जब वह अपना नामांकन पत्र दाखिल करने जा रही थीं और उनके साथ उन 18 में से मात्र 4 विश्वासपात्र लोग ही जुट पाए। बाकी के लोगों के बयान सामने आ रहे थे, जिसमें से कोई कह रहा था-’हम पार्टी के अनुशासित सिपाही हैं, मोदी जी ही हमारे नेता हैं’ कोई राजस्थान में इस बार भाजपा की हवा बता रहा था, पर वसुंधरा इनके बयानों से नदारद थीं, लग रहा था जैसे कि इन पर शाह का जादू चल गया है।

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छत्तीसगढ़ में भाजपा कैसे लड़ाई में आई?

Posted on 27 November 2023 by admin

ख्वाबों की ताबीज बनाता हूं मैं

सपने नए हरदम दिखाता हूं मैं

तुम नींद में हो तो मेरा क्या कुसूर 

जमीं से आसमां तक सीढ़ियां लगाता हूं मैं

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में दूसरे व अंतिम चरण के मतदान के बाद अब भाजपा नेताओं के कंधे पहले की तरह झुके हुए नहीं थे। दरअसल, छत्तीसगढ़ को लेकर भाजपा ने कहीं पहले हथियार डाल दिए थे, पार्टी का अपना जनमत सर्वेक्षण भी वहां कांग्रेस को लड़ाई में काफी आगे बता रहा था। पार्टी के एक ऐसे ही जनमत सर्वेक्षण पर पीएमओ के एक तेज तर्रार अफसर की निगाहें पड़ गईं, उन्होंने पाया कि इन जनमत सर्वेक्षण के नतीजों में चंद विसंगतियां निहित हैं। इस सर्वेक्षण में एक ओर मुख्यमंत्री बघेल की लोकप्रियता में गिरावट दर्ज हुई है, वहीं दूसरी ओर उन्हें जीत के घोड़े पर सवार बताया जा रहा है। इसी अफसर ने यह बात पीएम के संज्ञान में लायी और जोर देकर कहा कि ’आपके वहां लगातार जाने से पूरी चुनावी हवा बदल सकती है।’ फिर पीएमओ वहां अपनी ओर से जमीनी हकीकत की पड़ताल में जुट गया तो पता चला कि वहां बड़ी इमारत तो खड़ी है पर उसमें अंदर से दीमक लगी है। फिर क्या था भाजपा ने अपने छत्तीसगढ़ यूनिट को और ज्यादा सक्रिय होने के निर्देश दिए, पीएम की वहां पहले महज़ तीन रैलियां आहूत थी, पर दूसरे यानी अंतिम चरण के चुनाव तक पीएम वहां अपनी नौ रैलियां कर चुके थे, योगी व शाह ने भी दनादन कई रैलियां कर दीं। सुप्तप्रायः भाजपा कैडर में एक नई जान आ गई थी। 

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जातीय जनगणना के लिए तैयार हैं मोदी?

Posted on 27 November 2023 by admin


’चलो उतारते हैं हम दोनों एक दूसरे के चेहरों से मुखौटे
मेरा आइना भी भूल गया है कि मैं अब दिखता कैसा हूं’

सियासत में कुछ भी स्थायी नहीं है, चुनांचे जातीय जनगणना पर विपक्षी दलों के समवेत स्वरों को हमेशा झुठलाने वाली भाजपा ने अब रणनीति बदलने का फैसला किया है। कांग्रेस ने लगातार ओबीसी हक और जातीय जनगणना की मांग को तूल दिया है, खासकर राहुल गांधी ने इसके सिरों को जोड़ कर 2024 चुनाव के लिए रोड मैप भी तैयार कर लिया है। सो, राहुल के इस ब्रह्मास्त्र को फुस्स करने के लिए मोदी संसद के शीतकालीन सत्र में जातीय जनगणना कराने के लिए राजी हो सकते हैं और सबसे अहम तो यह कि इसकी रिपोर्ट भी महज़ तीन महीने में यानी फरवरी तक आ सकती है। पर चतुर सुजान मोदी की योजना इसमें एक पेंच फंसाने की है यानी जातीय जनगणना में उप जातियों की जनगणना भी शामिल की जा सकती है। भाजपा का अपना अनुमान है कि ’मुख्य जातियों में डिवीजन का फायदा उसे 24 के चुनावों में मिल सकता है।’ मिसाल के तौर पर भाजपा ने बिहार में यादव वोटों के बोलबाले को मद्देनज़र रखते अपनी ओर से नंद किशोर यादव, राम कृपाल यादव, नित्यानंद राय सरीखे कई यादव नेताओं को हमेशा तरजीह दी, पर बिहार के यादवों ने अपना नेता लालू यादव और उनके परिवार को ही माना। मिसाल के तौर पर भाजपा चाहती है कि ’बिहार-यूपी जैसे राज्यों में यादव की उप जातियों को भी चिन्हित कर सामने लाया जाए, जिससे यादव वोट बैंक में दरार पड़ सके।’

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क्या महुआ सदन से बेदखल होंगी?

Posted on 27 November 2023 by admin

तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा के पर कुतरने की तैयारी में है दिल्ली, ’कैश फॉर क्वेरी’ मामले में एथिक्स कमेटी ने लोकसभा स्पीकर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, इस रिपोर्ट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के लिए महुआ ने भी कमर कस रखी है। इसकी काट में सरकार समर्थकों का कहना है कि ’संविधान के अनुच्छेद 122 में यह साफ-साफ वर्णित है कि न्यायालय संसद की कार्यवाही की जांच नहीं कर सकता, यहां हुई कार्यवाहियों को आप अदालत में चुनौती नहीं दे सकते।’ पर पिछले कुछ समय में इन मान्य परंपराओं का खुल कर उल्लंघन हुआ है। महाराष्ट्र विधानसभा में स्पीकर के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई है, शीघ्र ही अदालत इस मामले में अपना फैसला सुनाने वाला है। सो, महुआ ने भी लगभग तय कर रखा है कि ’उनके मामले में स्पीकर का फैसला यदि प्रतिकूल आता है तो वह सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगी।’ वैसे भी एथिक्स कमेटी में शामिल रहे विपक्षी दलों के नेताओं का दावा है कि मात्र ढाई मिनट में रिपोर्ट अप्रूव हो गई, कमेटी के सदस्यों को तो सुना ही नहीं गया। इस रिपोर्ट में महुआ के लिए समय-समय पर कैश और गिफ्ट लेने की बात कही गई है, ऐसा सूत्रों का दावा है, महुआ पर यह आरोप लगाने वाले उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी कमेटी के समक्ष पेश ही नहीं हुए, उनकी जगह उनका शपथ पत्र लेकर गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे कमेटी के समक्ष पेश हुए और उनकी ओर से जवाब दिया। वैसे कायदे से यह दर्शन को बताना चाहिए था कि उन्होंने महुआ को कब व कहां ये पैसे दिए। स्पीकर जब आर्डर करेंगे तो सीबीआई और ईडी महुआ पर पिल पड़ेंगे यानी सबूत बाद में पहले महुआ को सदन से बाहर तो निकालने की तैयारी है।

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ओम नमः बिरला

Posted on 27 November 2023 by admin

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला यूं कायदे से राजस्थान के इन हालिया विधानसभा चुनावों में कोई सक्रिय रोल अदा नहीं कर सकते, चूंकि स्पीकर का पद राजनैतिक निरपेक्ष पद है। पर वे पिछले काफी समय से अपनी पूरी टीम के साथ अपने संसदीय क्षेत्र कोटा में ही जमे हुए हैं। उनकी टीम में उनके सहायकों व सुरक्षाकर्मियों के अलावा फोटोग्राफर व वीडियोग्राफर शामिल हैं, उनके लिए प्रेस रिलीज तैयार करने वाले पत्रकार हैं, उनके सोशल मीडिया को संचालित करने वाले लोग हैं। इनकी गाड़ियों का काफिला भी बड़ा है और उतने ही बड़े हैं इनके इंतजाम के होटल के बिल। स्पीकर महोदय सुबह सवेरे नियम से गांवों के दौरों पर निकल जाते हैं अपनी पूरी टीम के साथ, मान्य परंपराओं के मुताबिक वे किसी चुनावी सभा को संबोधित नहीं कर सकते, पर अपने क्षेत्र के लोगों से बेसाख्ता मिल तो सकते हैं, सो वे उनसे मिलते हैं और बात करते हैं। दरअसल, राजस्थान के भगवा नेताओं में पीएम की उस बात से ही होड़ मची है जब पीएम ने कह दिया था कि ’जो नेता अपने यहां से जितनी ज्यादा सीटें जितवाएंगे सीएम पद के उम्मीदवार के लिए उनका दावा उतना ही मजबूत होगा।’ बिरला यादव के क्षेत्र में विधानसभा की 6 सीटें आती हैं, पिछले चुनाव में भाजपा ने इनमें से 3 सीटें जीत ली थीं, इस बार स्पीकर महोदय इन सभी 6 सीटों पर भगवा परचम लहराना चाहते हैं।

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अब मत चूको चौहान

Posted on 27 November 2023 by admin

भाजपा के बड़े चाणक्य व चंद्रगुप्त को भी सियासी ककहरा कंठस्थ कराने वाले शिवराज सिंह चौहान की बातें ही अलहदा है। कहां तो उन्हें ’कट टू साइज’ करने की तैयारी थी, पर प्रदेश में जरा हवा क्या बदली शिवराज का हेलिकॉप्टर रुकने का नाम नहीं ले रहा। सुबह सवेरे ही शिवराज अपने हेलिकॉप्टर पर सवार होकर चुनाव प्रचार के लिए निकल जाते हैं जिस भाजपा प्रत्याशी के यहां उनकी सभा होनी होती है उसे वे अपने साथ बिठा लेते हैं, रास्ते भर क्षेत्र का गणित-भूगोल समझते हैं और अपने भाषण में उन्हीं स्थानीय मुद्दों का पुट दे देते हैं। सभा समाप्त होती है, अगली सभा जहां होनी है वहां का प्रत्याशी अब शिवराज के बगलगीर हो जाता है, फिर कहानी रिप्ले होती है। अपने प्रत्याशी को सीएम के हेलिकॉप्टर से उतरते देख आम जनता अभिभूत हो जाती है कि ’सीएम के कितना करीबी है हमारा नेता, हम जिताएंगे तो वह मंत्री जरूर बनेगा।’ और बार-बार इसी पटकथा की पुनरावृति होती है, इससे शिवराज की सभाओं में भीड़ भी जुट जाती है और लोगों में जोश भी बना रहता है।

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नृपेंद्र मिश्र का खुलासा

Posted on 27 November 2023 by admin


पिछले दिनों राम मंदिर निर्माण कमेटी के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने खुलासा किया कि जब पीएमओ से उन्हें रिटायर किया गया तो वे चाहते थे कि उन्हें किसी राज्य का गवर्नर बना दिया जाए। पर ऐसा कुछ हुआ नहीं और वे घर पर ही दिन काटते रहे। इसके बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर पर कमेटी बनाने का आदेश दिया तो वे एक दिन अचानक अमित शाह से मिलने जा पहुंचे, षाह के प्रयासों से वे कमेटी के चेयरमैन बना दिए गए। पर दिलचस्प है कि चाहे नृपेंद्र मिश्र कितने भी इंटरव्यू दे दें, भाजपा को कहीं न कहीं उनके मुकाबले रामभूमि तीर्थ के महासचिव चंपत राय ज्यादा पसंद हैं, क्योंकि अगर राम मंदिर बनने की पूरी कहानी अगर किसी को जुबानी सुनानी है तो भाजपा का ऑफिशियल ‘एक्स हेंडल’ चंपत राय को ट्वीट करता है।

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भुल्लकड़ हो गए हैं नीतीश

Posted on 27 November 2023 by admin

सेक्स एजुकेशन के नए टीचर बन कर अभ्युदित हुए नीतीश कुमार भले ही अभी 72 साल के ही हुए हों पर उन्हें भूलने की बीमारी खूब लग गई है। ऐसा ही एक वाक्या अभी पिछले  दिनों घटित हुआ। नीतीश कुमार के एक पुराने सहयोगी और उनके सरकार में मंत्री रहे एक नेता का हाल में निधन हो गया। भावुक हो गए नीतीश अपने प्रिय नेता की श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे, जहां उस नेता की एक बड़ी सी तस्वीर रखी थी और नीतीश को तस्वीर पर फूल अर्पित करने थे। नीतीश ने हाथों में फूल उठाए और उन फूलों को तस्वीर पर अर्पित करने के बजाए तस्वीर के साथ खड़े नेता पुत्र पर अर्पित कर दिया।

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निशाने पर नरेंद्र

Posted on 27 November 2023 by admin

मध्य प्रदेश भाजपा में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। ग्वालियर चंबल संभाग से भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पुत्र देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर का एक वीडियो खासा वायरल हो गया। जिसमें करोड़ों के लेन-देन की बात हो रही है। यह वीडियो तब का बताया जा रहा है जब नरेंद्र तोमर केंद्र में खनन मंत्री थे। देवेंद्र तोमर ने इस वीडियो के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करवाई है कि इस वीडियो में कांट-छांट हुई है, पर उन्होंने अपनी शिकायत में यह नहीं कहा है कि यह वीडियो फेक है। इस वीडियो की वजह से तोमर घिर गए हैं, पर सरकार ने इस वीडियो की जांच न तो ईडी या सीबीआई को सौंपी है, कहा यह भी जा रहा है कि इस वीडियो को वायरल करवाने में प्रदेश के ही कुछ भाजपा नेताओं के हाथ हैं।

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