Archive | January, 2024

आर या पार क्या करेंगे नीतीश कुमार

Posted on 06 January 2024 by admin

तेरी सोहबतों में ही खराब हुआ हूं मैं

एक धधकती चिंगारी से ही राख हुआ हूं मैं

आप नीतीश कुमार को चाहे लाख ‘पलटीमार’ कह गरिया लें, पर सियासी बैरोमीटर पर उनकी अचूक पकड़ की आप अनदेखी नहीं कर सकते। सियासी स्वांग भरने में उनकी दक्षता का हर कोई उतना ही कायल है। नीतीश के करीबियों का मानना है कि ’इस 22 जनवरी को यानी अयोध्या में श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दिन नीतीश कोई नया धमाका कर सकते हैं।’ वैसे तो तेजस्वी यादव के भी सब्र का बांध टूटता जा रहा है, नीतीश लंबे समय से बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार टाले जा रहे हैं, अभी पिछले दिनों जब तेजस्वी ने नीतीश से इस बाबत ताजा अपडेट लेना चाहा तो चाचा ने सहजता से भतीजे को यह कह कर टरका दिया-’अभी खरमास चल रहा है, 14 के बाद देखेंगे।’ स्थितियों की नज़ाकत को भांपते हुए तब लालू यादव सक्रिय हो गए, नीतीश को मनाने की गरज से लालू ने आनन-फानन में ‘इंडिया गठबंधन‘ के सहयोगी दलों से बात कर नीतीश को गठबंधन का संयोजक बनाने की बात चलाई। शरद पवार से लेकर उद्धव ठाकरे तक मान गए, एक समय तो अरविंद केजरीवाल भी तैयार थे, पर इस प्रस्ताव पर ममता बनर्जी की सहमति हासिल नहीं हो पाई, और यह पेंच फंस गया। लालू चाहते थे कि ’नीतीश इंडिया गठबंधन के संयोजक बन कर घूम-घूम कर देश भर में भाजपा विरोध की अलख जगाएं और बिहार में अपना राज पाट तेजस्वी को सौंप दें यानी तेजस्वी सीएम तो लल्लन सिंह को राज्य का डिप्टी सीएम बना दिया जाए।’ पर नीतीश लल्लन को लेकर इन दिनों आष्वस्त नहीं है, उन्हें लल्लन की लालू यादव से नजदीकियां रास नहीं आ रही है। माना जाता है कि जदयू के कोई 15 विधायक व 6 सांसद सतत लल्लन के संपर्क में हैं। कांग्रेस के भी कोई 8 विधायक अशोक चौधरी के संपर्क में बताए जाते हैं। भाजपा व राजद दोनों ही दल इस तल्ख सच से वाकिफ हैं कि अगर बिहार में लोकसभा के साथ विधानसभा के चुनाव करा लिए जाते हैं तो इसके सबसे बड़े लाभार्थी नीतीश ही होंगे, जदयू की सीटें बढ़ जाएंगी। वैसे भी नीतीश इस दफे 125 सीटों पर विधानसभा का चुनाव लड़ना चाहते हैं ताकि बिहार की राजनीति में उनकी पूछ बनी रहे। वहीं भाजपा की राज्य इकाई का मानना है कि ’अगर इस दफे भाजपा अकेले अपने दम पर चुनाव में जाती है तो पार्टी का आधार और वोट प्रतिशत दोनों ही बढ़ जाएगा,’ भाजपा हाईकमान भी इसी थ्योरी पर कान धर रहा है।

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राहुल व खड़गे में अब भी ठनी हुई है

Posted on 06 January 2024 by admin

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे अब भी राहुल गांधी की प्रस्तावित ’भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ को लेकर इतने आश्वस्त नहीं हैं। खड़गे से जुड़े सूत्र खुलासा करते हैं कि दरअसल, अध्यक्ष जी की असली चिंता पार्टी फंड को लेकर है, सूत्रों की मानें तो पार्टी फंड में अभी मात्र 489 करोड़ रूपयों के आसपास की रकम इकट्ठी है, राहुल की यात्रा में ही 250 करोड़ रूपयों के आसपास लग जाने है और अभी सिर पर आम चुनाव भी हैं। सो, बचे हुए इतने कम पैसों में भला पार्टी लोकसभा के चुनाव कैसे लड़ पाएगी। कहते हैं खड़गे ने अपनी इसी चिंता से राहुल को वाकिफ करा दिया है। इस पर राहुल ने सुझाव दिया कि ’अगर हमारे पास पैसों की इतनी ही तंगी है तो कांग्रेस अपने किसी भी प्रत्याशी को लोकसभा चुनाव लड़ने का खर्च नहीं देगी।’ इस पर खड़गे का कहना है कि ’इस सूरत में पार्टी को अच्छे उम्मीदवारों का टोटा पड़ जाएगा,’ पर इस पर राहुल क्रांतिकारी मोड में हैं, कहते हैं ’हम देश में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, इस लड़ाई में जिसे भी हमारे साथ आना है वे सिर पर कफ़न बांध कर आएं।’

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भाजपा का लक्ष्य सवा चार सौ सीटें

Posted on 06 January 2024 by admin

2024 के आम चुनावों के लिए भाजपा का लक्ष्य सवा चार सौ सीटों पर जीत दर्ज कराने का है। 2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कुल 543 में से सिर्फ 436 सीटों पर चुनाव लड़ा था जिसमें से पार्टी ने 303 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इनमें से 160 सीटों पर पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा था और 51 सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी। गठबंधन धर्म के तहत तीन राज्यों यानी पंजाब, बिहार व महाराष्ट्र की 56 सीटों पर पार्टी ने अपने उम्मीदवार ही नहीं उतारे थे। भाजपा ने पंजाब की 13 में से 3, महाराष्ट्र की 48 में से 25 और बिहार की 40 में से मात्र 17 सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारे थे। इस बार भाजपा की योजना पंजाब, बिहार व महाराष्ट्र की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की है। इसके लिए संभावित उम्मीदवारों के नाम की सूची पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के पास पहुंचने लगी है। पश्चिम यूपी में भाजपा पहले रालोद के साथ गठबंधन करना चाहती थी, अब पार्टी ने मन बना लिया है कि वह वहां भी अकेले चुनाव लड़ेगी। सो, पश्चिमी यूपी में रालोद व सपा का प्रभाव कम करने के लिए भाजपा से जुड़े संगठन वहां के गांवों में हर सप्ताह धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं, जहां कार्यक्रम के बीच में मोदी सरकार की योजनाओं का बखान होता है।

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क्या होगा झारखंड में?

Posted on 06 January 2024 by admin

झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार पर लगातार ईडी की तलवार लटक रही है, सवाल भी लगातार उठ रहे हैं कि हेमंत सोरेन अगर जेल चले गए तो राज्य सरकार की बागडोर क्या उनकी पत्नी कल्पना सोरेन संभालेंगी? लेकिन इन्हीं कयासों के बीच राज्य के गवर्नर सीपी राधाकृष्णन छुट्टियों पर अपने गृह राज्य तमिलनाडु चले गए हैं, सोमवार से पहले उनके रांची लौटने की संभावना बेहद क्षीण है। इसी 31 दिसंबर को हेमंत सोरेन के अतिविश्वासी विधायक सरफराज अहमद ने अपनी विधानसभा सीट से अचानक इस्तीफा दे दिया, कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने यह सीट कल्पना सोरेन के चुनाव लड़ने के लिए रिक्त की है। पर यह एक सामान्य सीट है। वैसे भी झारखंड में चुनाव दिसंबर 2019 में संपन्न हुए थे और विधानसभा की पहली बैठक 6 जनवरी 20 को हुई थी। अब उप चुनाव भी उसी सूरत में हो सकते हैं जब विधानसभा का कार्यकाल एक साल से ज्यादा का बचा हो। 80 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में सोरेन को 47 विधायकों का बहुमत हासिल है। साथ ही यह संवैधानिक तौर पर कहीं उद्दृत भी नहीं कि अगर कोई सीएम किसी वजह से जेल चला जाता है तो जेल से अपना काम काज नहीं चला सकता है। कल्पना सोरेन एक गैर आदिवासी हैं, मूलतः ओडिशा की रहने वाली हैं, उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाना या नहीं दिलाना पूरी तरह से राज्यपाल के विवेक पर निर्भर करता है, सो हेमंत सोरेन ने क्या सोच कर सरफराज अहमद से इस्तीफा दिलवाया है यह तो बेहतर वही बता सकते हैं।

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राव के दर्द पर नंबर दो का मरहम

Posted on 06 January 2024 by admin

तेलांगना का चुनाव हारने के बाद ‘भारत राष्ट्र समिति’ यानी बीआरएस के अध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम चंद्रशेखर राव बीमार पड़ गए, वे एक स्थानीय अस्पताल में आनन-फानन में भर्ती कराए गए, तभी उनका खैरमकदम जानने के लिए दिल्ली से अमित शाह का फोन आ गया। देश के नंबर दो ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की। इस पर राव किंचित भावुक हो गए अपनी रौ में बहते हुए उन्होंने कह दिया-’मेरी पार्टी तो हमेशा से संसद में भाजपा का समर्थन करती रही है, पर तेलांगना के चुनाव प्रचार में आपने हमारी पार्टी को इतनी बार चोर-चोर कर संबोधन दे दिया कि कांग्रेस के लिए यह मौका बन गया और आज वह यहां सत्ता में बैठी है, जरा सोचिए इससे हमें और आपको क्या हासिल हुआ?’ इस पर शाह ने कहा कि ’आप जल्दी स्वस्थ होकर दिल्ली आइए भविष्य को लेकर फिर हम यहीं बात करेंगे।’

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