Archive | May, 2024

क्या संघ और भाजपा में सब ठीक चल रहा है?

Posted on 05 May 2024 by admin

सूत्र बताते हैं कि लोकसभा चुनाव में टिकटों के बंटवारे में इस बार संघ की कुछ खास चली नहीं। आम परिपाटी के मुताबिक ही संघ के प्रांत प्रचारकों और प्रचारकों ने अपनी ओर से कुछ संभावित उम्मीदवारों के नामों की लिस्ट भाजपा शीर्ष को सौंपी थी। लेकिन जब उम्मीदवारों की घोषणा हुई तो इनके द्वारा सुझाए गए गिनती के ही नाम घोषित उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल थे। कुछ नाराज़ प्रचारकों ने संघ के एक शीर्ष नेता के समक्ष अपनी व्यथा रखी, जिन संघ नेता का काम भाजपा और संघ में समन्वय का है। इन नाराज़ प्रचारकों का कहना था कि ’जब हमारी कोई सुनता ही नहीं है तो फिर दिन-रात हम इनके लिए काम क्यों करते हैं।’ इसके बाद ही मोदी जब चुनाव प्रचार के लिए विदर्भ गए तो इस सिलसिले में वे नागपुर रुके और वहां वे सीधे संघ मुख्यालय गए। माना जाता है कि नागपुर संघ मुख्यालय में पीएम की संघ के शीर्ष नेताओं से इस बाबत एक लंबी बातचीत हुई जिसमें संघ व भाजपा के आपसी समन्वय बढ़ाने पर जोर रहा।

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बिहार में कहां खड़ी है भाजपा

Posted on 05 May 2024 by admin

भाजपा शीर्ष बिहार को लेकर किंचित चिंता में है। इसी आलोक में अमित शाह ने बिहार भाजपा  की कोर कमेटी की एक अहम बैठक बुलाई। समझा जाता है कि शाह ने बिहार के भगवा नेताओं को जमकर झाड़ पिलाई और कहा कि ’जनता दल यू से आपका तालमेल क्यों नहीं बैठ पा रहा? क्यों घमासान मचा है? आप दोनों चुनाव में एक दूसरे की मदद क्यों नहीं कर रहे?’ इसके बाद भाजपा शीर्ष ने अपने प्रदेश के नेताओं से जानना चाहा कि इस दफे गठबंधन कि कितनी सीटें आ रही हैं। इस पर एक भाजपा नेता ने हिचकते हुए कहा शायद 25, इस पर शाह चौंक गए और कहा कि ’पिछली बार हम 40 में से 39 सीटें जीते थे, इस बार क्या हो गया?’ तो उन्हें जवाब मिला कि इस बार महागठबंधन खास कर राजद अच्छा कर रही है, तो शाह बोले कि ’अब आप लोग समझ गए हैं न कि आपसी तालमेल कितना जरूरी है।’

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भाजपा-जदयू में सब ठीक नहीं चल रहा

Posted on 05 May 2024 by admin

बिहार में भाजपा और जदयू गठबंधन के बीच तनाव साफ दिखने लगा है। सूत्रों की मानें तो जदयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन उर्फ लल्लन सिंह अपने कुछ मुंहलगे पत्रकारों संग बैठकी कर रहे थे, तो उनमें से एक पत्रकार ने उनसे पूछ लिया कि ’4 जून के बाद बिहार की तस्वीर कितनी बदलेगी।’ कहते हैं लल्लन सिंह ने बातों ही बातों में यह तुर्रा भी उछाल दिया कि ’भाजपा एक बड़ा मगरमच्छ है जो छोटी पार्टियों को लील जाता है।’ इसी बैठकी में मौजूद भाजपा परस्त  एक पत्रकार ने चुपचाप लल्लन सिंह की इन बातों को अपने मोबाइल से रिकार्ड कर लिया और यह रिकॉर्डिंग किसी प्रकार भाजपा चाणक्य तक पहुंचायी गई। उसके बाद भाजपा चाणक्य ने सीधे लल्लन सिंह को फोन लगाया और उनसे कहा कि ’भाजपा अपने गठबंधन साथियों को आगे भी बढ़ाती है और उनकी रक्षा भी करती है। सो, प्लीज़ ऐसा कुछ नहीं बोले जिससे दोनों पार्टियों के आपसी सौहार्द्र पर फर्क पड़े।’ 

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देवेगौड़ा का बेहद दुलारा रहा है प्रज्वल

Posted on 04 May 2024 by admin

देश के पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा लंबे समय तक हासन से सांसद रहे पर विडंबना देखिए कि उन्होंने अपनी सीट कभी अपने बेटों के लिए नहीं बल्कि अपने दुलारे पोते प्रज्वल रेवन्ना को तोहफे में दे दी। कहा जाता है कि प्रज्वल शुरू से ही अपने दादा का बहुत लाडला रहा है। वह अपने दादा का ख्याल भी खूब रखता था। जब देवेगौड़ा परिवार ने पढ़ने के लिए प्रज्वल को आस्ट्रेलिया भेजा तो वहां उसका दिल ही नहीं लगा। उसने परिवार को बताया कि ’वह अपने दादा के बगैर नहीं रह सकता। दादा के साथ रह कर उनकी सेवा करनी है।’ सो, जब 2019 के लोकसभा चुनाव में देवेगौड़ा अपनी सीट प्रज्वल के लिए छोड़ रहे थे तो कुमारस्वामी ने इसका जोरदार विरोध किया था। कुमारस्वामी ने अपने पिता से यह भी कहा था कि ’इसको टिकट मत दो इसकी आदतें ठीक नहीं हैं।’ वैसे भी कुमारस्वामी की अपने बड़े भाई एचडी रेवेन्ना से कभी पटी नहीं। दोनों भाईयों की राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं हमेशा आपस में टकराती रहीं। सो, जब 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कुमारस्वामी के बेटे निखिल चुनाव हार गए तो इसके पीछे रेवन्ना परिवार का हाथ माना गया। सूत्रों का दावा है कि कुमारस्वामी का यह भी मानना था कि फिल्म अभिनेत्री राधिका के साथ उनके संबंधों और इन संबंधों की वजह से पैदा हुई बेटी के बारे में खबर को सार्वजनिक करने में रेवेन्ना परिवार का ही हाथ था। एक बार जब यह बात मीडिया में लीक हो गई तो कुमारस्वामी को राधिका के साथ अपने संबंधों को सार्वजनिक करना पड़ा।

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प्रज्वल नाम नहीं, एक चेहरा है आज की सियासत का

Posted on 04 May 2024 by admin

देह के पार भी एक दुनिया है क्या तुम इसे समझ सकते हो,

मां-बहन, दोस्त जैसे खूबसूरत रिश्ते क्या तुम गढ़ सकते हो

मौजूदा दौर की सियासत छलावों, बतकहियों और जुमलों का एक ऐसा बाज़ार है जिसने सुबह की पहली धूप, थोड़ी नर्म बोसीदा हवाएं और नहायी दूब के सिर पर बैठी चमकती ओस की बूंदों की तासीर को भी मैला कर दिया है। नारी सशक्तिकरण और महिला आरक्षण के दिखावटी अलख जगाने वाले राजनेता नारी भक्षण के नए हथियार बन रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल है कि रेवन्ना के सेक्स स्कैंडल का मामला खुला कैसे। दरअसल, एक 68 वर्षीय महिला रसोइया रेवन्ना के घर लंबे समय से काम कर रही थी पर प्रज्वल ने हैरतअंगेज़ तरीके से उसे भी अपनी यौन लिप्सा का शिकार बना लिया और साथ ही अंतरंग पलों के उसके कुछ वीडियो भी बना लिए। सूत्र बताते हैं कि इस महिला रसोइया का बेटा रेवन्ना के सुरक्षाकर्मियों में से एक था। जब बेटे को मां पर हुए अत्याचार का पता चला तो वह आपा खो बैठा। सूत्रों का दावा है कि अपने को संयत रखते उस सुरक्षाकर्मी युवक ने अगले दिन रेवन्ना का वो मोबाइल फोन ही गायब कर दिया जिससे वह वीडियो बनाता था और यह फोन लेकर वह सीधे हासन के कांग्रेस नेता के पास जा पहुंचा और उनसे कहा कि मुझे डीके शिवकुमार से मिलना है, मैं सिर्फ उन्हीं पर भरोसा कर सकता हूं। कहते हैं हासन के उस कांग्रेसी नेता ने उस सुरक्षाकर्मी को अपनी गाड़ी में बिठाया और वे दोनों उसी रात डीके से मिलने बेंगलुरू के लिए निकल गए। जब इस फोन को ’डिकोड’ किया गया तो उसमें 2976 आपत्तिजनक वीडियो मिले जो तकरीबन 1800 महिलाओं के यौन शोषण से जुड़े थे। इसी फोन में ऐसे 18 हजार फोटो भी बरामद किए गए। कहा जाता है कि इस सुरक्षाकर्मी ने फोन के एवज में अपने परिवार के लिए सुरक्षा मांगी जो कि उन्हें मुहैया कराई गई। 

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